संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल || Constitution Day || संस्थानों में कार्यक्रम,

70वां Constitution Day आज: सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम, जानें कब क्या क्या हुआ


70वें संविधान दिवस पर संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक साढ़े 10 बजे आयोजित की जाएगी। इसको राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। सत्र में पूर्व प्रधानमंत्रियों और पूर्व राष्ट्रपतियों को भी आमंत्रित किया गया है।

Constitution Day: ऐसे
यूजीसी : सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम 


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी शिक्षण संस्थानों को 70वां संविधान दिवस मनाने निर्देश दिया है। कॉलेजों में प्रतियोगिताओं का आयोजन और मूल कर्तव्य की जानकारी देने को भी कहा है।  
उत्तर प्रदेश : विशेष सत्र 
उत्तर प्रदेश में संविधान दिवस के मौके पर विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। 
राजस्थान : समरसता दिवस 
राजस्थान सरकार संविधान दिवस 26 नवंबर को समरसता दिवस के रूप में मनाएगी और इस उपलक्ष्य में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे
मध्य प्रदेश : राजभवन में विशेष कार्यक्रम 
मध्यप्रदेश राजभवन में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, सभी खंडपीठ के न्यायाधीशों सहित समस्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शामिल होंगे।
हरियाणा : चार माह तक विशेष अभियान 
राज्यपाल ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इसके अलावा प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चार माह तक एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 
पंजाब : विधानसभा का विशेष सत्र 
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र की विशेष बैठक 26 नवंबर को दोपहर दो बजे पंजाब विधानसभा हॉल, विधान भवन चंडीगढ़ में बुलाई है। 
हिमाचल प्रदेश : विशेष ग्राम सभाएं 
प्रदेश की सभी 3226 पंचायतों में 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर विशेष ग्रामसभा की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इनमें संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के साथ प्रधान संविधान की शपथ दिलाई जाएगी। 
कब क्या-क्या हुआ 
  • 26 नवंबर, 1949 को संविधान अंगीकृत किया गया था। 
  • 26 नवंबर, 2019 को देश 70वां संविधान दिवस मनाएगा। 
  • 11 अक्तूबर, 2015 को 26 नवंबर राष्ट्रीय संविधान दिवस घोषित हुआ। 
  • 1951 में पहला संशोधन अस्थायी संसद ने पारित किया था। 
  • 2019 में अंतिम 103वां संशोधन पारित हुआ। 
  • 103 संशोधन किए गए 70 साल में संविधान में। 
  • 99वें संविधान संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है। 
  • 107 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए राज्यसभा ने। 
  • 01 विधेयक लोकसभा ने अमान्य कर दिया। 
  • 106 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए हैं लोकसभा ने। 
  • 03 विधेयकों को राज्यसभा ने अमान्य कर दिया। 
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Constitution Day: ऐसे बना था भारत का संविधान, डॉ. अंबेडकर ने निभाया अहम रोल


      1. 26 नवंबर को संविधान के पूरे हुए 70 साल

      2. भीमराव अंबेडकर हैं संविधान के जनक

      3.भारतीय संविधान में ये है महत्वपूर्ण बातें

भारत 26 नवंबर 2019 को अपना 70वां संविधान दिवस मनाने जा रहा है. आज से 70 साल पहले सरकार ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था. जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है.


वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे और उन्हें संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे. पूरे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. जानें भारत के आम नागरिक के लिए कितना महत्वपूर्ण है संविधान.
संविधान की खास बात ये है कि अधिकार और कर्तव्य यानी 'Rights and Duites' के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे.
जवाहरलाल नेहर, डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे. हमारा संविधान विश्‍व का सबसे लंबा लिखित संविधान है. मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी. बता दें, संविधान के लागू के होते ही समाज को निष्पक्ष न्याय प्रणाली मिली. नागरिकों को मौलिक अधिकारों की आजादी मिली और कर्तव्यों की जिम्मेदारी भी.
भारतीय संविधान में ये महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं-
 यह लिखित और विस्तृत है
- मौलिक अधिकार प्रदान किया गया है
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता, यात्रा, रहने, भाषण, धर्म, शिक्षा आदि की स्वतंत्रता,
- एकल राष्ट्रीयता,
- भारतीय संविधान लचीला और गैर लचीला दोनों है
- राष्ट्रीय स्तर पर जाति व्यवस्था का उन्मूलन
- समान नागरिक संहिता और आधिकारिक भाषाएं
- केंद्र एक बौद्ध 'गणराज्य' के समान है.
- बुद्ध और बौद्ध अनुष्ठान का प्रभाव
- भारतीय संविधान अधिनियम में आने के बाद, भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला है.

- दुनिया भर में विभिन्न देशों ने भारतीय संविधान को अपनाया है.
अंबेडकर को किया जाता है याद
भारत में राष्ट्रीय संविधान दिवस 26 नवंबर को हर साल सरकारी तौर पर मनाया जाता है. इस संविधान के पितामाह डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को याद किया है. बता दें, संविधान दिवस को नेशनल लॉ डे के नाम से भी जाना जाता है.
संविधान तैयार करने के दौरान क्या थे भीमराव अंबेडकर के विचार
डॉ. भीमराव अंबेडकर को 29 अगस्त, 1947 को संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उनका मानना ​​था कि विभिन्न वर्गों के बीच अंतर को बराबर करना महत्वपूर्ण था, अन्यथा देश की एकता को बनाए रखना बहुत मुश्किल होगा. उन्होंने धार्मिक, लिंग और जाति समानता पर जोर दिया था.
अंबेडकर ने वर्गों के बीच सामाजिक संतुलन बनाने के लिए आरक्षण प्रणाली की शुरुआत की थी. 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूची, 5 परिशिष्ट और 98 संसोधनों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है.

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